नमस्कार दोस्तों स्वागत है आपका सफ़र जानकारी में आज हम जानेंगे अपने देश भारत
के चार धाम के बारे में | हमारे देश की संस्कृति की एक अलग ही पहचान है
हमारे देश में बहुत सी प्राचीन धरोहर है वैसे अगर मै लिखने लगू तो शायद कभी भी अपने देश के
समस्त धार्मिक स्थलों के बारे में लिख ही ना पाऊ परन्तु मेरा प्रयास है की मै आपको
आज कुछ खास धार्मिक स्थल जैसे की उत्तराखंड और भारत के चार धाम के बारे में इस पोस्ट में बताऊंगा और बहुत से लोगो को चार धाम को लेकर संशय बना रहता है की कोन कोन चार धाम है तो इसका भी निराकरण करने का प्रयास करूँगा -
भारत के चार धाम
हमारे धर्मग्रंथो के अनुसार चार धाम बताये गए है जगत गुरु शंकराचार्य जी ने बताया है की हर हिन्दू को अपने जीवन काल में एक बार चार धाम के दर्शन अवश्य करना चाहिए | ये चार धाम वैष्णव तीर्थ है मतलब भगवन विष्णु जी से सम्बंधित है और प्रत्येक धाम के पास एक शिव मंदिर भी है |
बद्रीनाथ – यह धाम उतराखंड राज्य के चमोली जनपद में अलकनंदा नदी के तट पर
स्थित है | इस धाम को बद्रीनारायण मंदिर भी कहा जाता है | बद्रीनाथ धाम भारत देश
में उत्तर दिशा में है और इससे सम्बंधित शिव मंदिर केदारनाथ है | बद्रीनाथ मंदिर
हर वर्ष 6 महीने अप्रैल के अंत से लेकर नवम्बर की सुरुवात तक ही खुलता है बाकी के
दिनों में यहाँ अत्यंत ठण्ड होती है इस कारण से ये बंद रहता है | यहाँ पहुचने के
लिए आपको हरिद्वार से बस , टैक्सी इत्यादि साधन मिल जाते है हरिद्वार से बद्रीनाथ की
दूरी लगभग 325 किलोमीटर है |
History of Badrinath Temple in Hindi भी पढ़े इससे आपको बद्रीनाथ की पौराणिक कथा के बारे में जानकारी मिल जाएगी |
History of Badrinath Temple in Hindi भी पढ़े इससे आपको बद्रीनाथ की पौराणिक कथा के बारे में जानकारी मिल जाएगी |
द्वारका – यह धाम गुजरात राज्य के देवभूमि द्वारका जिले में स्थित है इस धाम को
जगद मंदिर भी कहते है यह स्थान भगवान
श्रीकृष्ण की कर्मस्थली मानी गई है जो की अरब सागर के एक द्वीप पर बसी हुई है | यह
धाम भारत देश में पश्चिम दिशा में है और इससे सम्बंधित शिव मंदिर सोमनाथ
ज्योतिर्लिंग है | यहाँ पहुचने के लिए
आपको अहमदाबाद जाना होगा और अहमदाबाद से तमाम साधन आपको मिल जायेंगे |
जगन्नाथ पुरी – यह धाम उड़ीसा राज्य के पुरी जिले में स्थित है इस धाम को श्री
जगन्नाथ मंदिर के नाम से भी जानते है | यह स्थान भगवान जग के नाथ जगन्नाथ मतलब
श्रीकृष्ण को समर्पित है यहाँ की रथ यात्रा उत्सव जो की प्रत्येक वर्ष आयोजित होती
है का अपना एक अलग ही महत्व है इस रथ यात्रा में श्रध्दालु बहुत दूर दूर से शामिल
होने आते है | यह धाम भारत देश में पूर्व दिशा में स्थित है और इससे सम्बंधित शिव
मंदिर लिंगराज मंदिर है | यहाँ पहुचने के लिए आपको भुवनेश्वर आना होगा भुवनेश्वर
से यह धाम मात्र 60 किलोमीटर की दूरी पर है |
अच्छा जगन्नाथ पूरी में रुकने के लिए आप Best Dharmshala in Puri मतलब ट्रस्ट की धर्मशाला का ही चुनाव करे |
अच्छा जगन्नाथ पूरी में रुकने के लिए आप Best Dharmshala in Puri मतलब ट्रस्ट की धर्मशाला का ही चुनाव करे |
रामेश्वरम – यह धाम तमिलनाडु राज्य में रामनाथपुरम जिले में स्थित है यह एक द्वीप है जो की चारो
और से बंगाल की खाड़ी और हिन्द सागर से घिरा हुआ है | यहाँ श्री रामनाथ स्वामी
मंदिर है | यह धाम भारत देश में दक्षिण दिशा में स्थित है और इससे सम्बंधित शिव
मंदिर रंगनाथ स्वामी मंदिर है | यहाँ पहुचने के लिए आपको मदुरई आना होगा मदुरई से
यह लगभग 170 किलोमीटर है |
ये तो हो गए हमारे महतवपूर्ण , ऐतिहासिक चार धाम परन्तु कुछ लोगो में चार धाम
को लेकर संशय बना रहता है उसी संशय का आज हम निदान करने का प्रयास करेंगे संशय यह
है की कुछ लोग यमुनोत्री ,गंगोत्री , केदारनाथ, बद्रीनाथ को चार धाम मानते है
किन्तु ऐसा कदापि नहीं है ये चारो महत्पूर्ण तीर्थ स्थान को हम उत्तराखंड के चार
धाम बोल सकते है परन्तु भारत के चार धाम वाही है जो मैंने आपको बताये हुए है खैर
चलिए अब जब इन उत्तराखंड के चारो धाम का जिक्र हो ही गया है तो आइये इनके बारे में
भी कुछ जान लिया जाय |
उत्तराखंड के चार धाम
यमुनोत्री – यह धाम उत्तराखंड राज्य के उत्तरकाशी जिले मे स्थित है यह
हरिद्वार से लगभग 258 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है यहाँ एक देवी मंदिर है यमुना
देवी मंदिर और यमुनोत्री यमुना नदी का उद्गम स्थल भी है मान्यता है की यहाँ स्नान
करने से सारे पाप धुल जाते है | यहाँ की यात्रा अत्यंत कठिन है परन्तु आधुनिक युग
में तमाम साधन है बस आप में जाने की इच्छा हो यहाँ आपको 6 किलोमीटर की यात्रा पैदल
, घोडा , खच्चर इत्यादि के द्वारा ही करनी होती है | बहुत से श्रद्धालु यहाँ अपने
पितरो के पिंड को दान करने भी आते है | इस मंदिर के कपाट अक्षय तृतीया के दिन ( मई में ) खोले जाते है और
दीपावली के दिन (अक्टूबर - नवम्बर में ) बंद कर दिए जाते है |
गंगोत्री – यह धाम उत्तराखंड राज्य के उत्तरकाशी जिले में स्थित है यह
हरिद्वार से लगभग 290 किलोमीटर और
यमुनोत्री से 225 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है यहाँ से भागीरथी नदी निकलती है |
गंगोत्री गंगा नदी का उद्गम स्थल है | इस स्थान पर गंगा जी का एक बहुत ही सुन्दर
मंदिर है जो चारो और से मनोरम प्राकृतिक सुन्दरता से घिरा हुआ है | इस मंदिर के
कपाट भी यमुनोत्री मंदिर की तरह अक्षय
तृतीया के दिन ( मई में ) खोले जाते है और दीपावली के दिन (अक्टूबर - नवम्बर में )
बंद कर दिए जाते है |
केदारनाथ – यह धाम उत्तराखंड राज्य में रुद्रप्रयाग जिले में स्थित है यह
हरिद्वार से लगभग 247 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है | केदारनाथ द्वादश
ज्योतिर्लिंग में से एक है और इसकी महिमा अपरम्पार है हर साल यहाँ लाखो श्रद्धालु
दर्शन करने आते है आपको बाबा केदारनाथ के दर्शन करने के लिए लगभग १४ किलोमीटर की
अत्यंत दुर्गम पैदल यात्रा करनी पड़ती है आप चाहे तो पालकी , घोड़े, खच्चर का भी इस्तेमाल कर सकते है यदि आपका बजट अच्छा है तो
यहाँ आपको हेलीकॉप्टर की सेवा भी मिल जाएगी | इस मंदिर के कपाट दर्शन के लिए
अप्रैल से लेकर नवम्बर तक ही खुलते है | दोस्तों केदारनाथ वाही मंदिर है जो जून
२०१३ में आई बाढ़ के प्रकोप से डगमगा गया था परन्तु भारतीय लोगो की आस्था डगमगाई
नहीं और पुनः लोग यहाँ उसी उत्साह से दर्शन करने आने लगे वैसे ताजुब की बात थी की
इतनी जबरदस्त बाढ़ भूस्खलन हुआ किन्तु यह मंदिर न टूटा न कोई विशेष नुकसान हुआ यही
सब चमत्कार होते है |
बद्रीनाथ – इस धाम के बारे में हम आपको ऊपर ही बता चुके है |
लीजिये दोस्तों ये उत्तराखंड के भी चारो धाम हो गये यह सरे तीर्थ स्थल हमारी आस्था का प्रतीक है यहाँ पर हमेशा लाखो करोडो लोग दर्शन करने आते है और दर्शन पाकर खुद को धन्य समझते है |
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