51 शक्तिपीठ
हिन्दू धर्म में इन 51 शक्तिपीठ का अत्यंत महत्त्व है लोगो की आस्था इन शक्तिपीठो के साथ जुडी हुई है
पौराणिक कथाओ अनुसार जब राजा दक्ष का सर काटकर भगवान शिव मृत देवी सती के शारीर को
लेकर तांडव कर रहे थे जिसके फलस्वरूप संसार में प्रलय की उपस्थित उत्पन्न हो गई थी तब भगवान विष्णु ने स्रष्टि को बचाने
हेतु सुदर्शन चक्र को भेजा इस सुदर्शन चक्र ने देवी सती के शरीर के 51 टुकड़े किये ये टुकड़े और माता के आभूषण जहाँ
जहाँ गिरे उन सभी स्थानों को शक्तिपीठ का दर्जा दिया गया |
देवी माँ के ये शक्तिपीठ ईश्वर के प्रति अटूट आस्था का जीता जागता उदहारण है क्यूंकि हजारो लाखो की संख्या में भक्त यहाँ दर्शन कर लाभान्वित होते है हम आपको इस पोस्ट में इन सभी 51 शक्तिपीठो के बारे में संक्षेप में जानकारी देने का प्रयास कर रहे है -
देवी माँ के ये शक्तिपीठ ईश्वर के प्रति अटूट आस्था का जीता जागता उदहारण है क्यूंकि हजारो लाखो की संख्या में भक्त यहाँ दर्शन कर लाभान्वित होते है हम आपको इस पोस्ट में इन सभी 51 शक्तिपीठो के बारे में संक्षेप में जानकारी देने का प्रयास कर रहे है -